जनम का अंधा

जनम को आंदो

बरतिमाई भेय्या कां जाव ? – (सिलास जो यरीहो नगर कोज थो बोल्यो)

बरतिमाई ने कहा – कुंण हे दादा कंई सिलास तो नी हे ?

हां-हां बरतिमाई भय्या हूं सिलासज हूं । पुछिरियो थो कय्यांड़ी जाव हो ? …..सिलास ने क्यो ।

बरतिमाई – अरे यरीहो नगर का पेलां पार जइरियो हूं वां से नरा मनखहुंण यरुसलेम फसह को परब मनावा जाय हे तो अच्‍छी भीक मिळी जायगा । (बरतिमाई टटोलतो होयो अगड़े बड़वा लाग्यो ।)

…अरे उबरो-उबरो हूं अइरियो हूं थोड़ोक काम करी लूं फेर तमारे पोंचइ दूंवां वांज नी जां तम बठ्या करो हो………सिलास केवा लाग्यो ।

नी आज हूं वां नी जउं पण थोड़ोक अगड़े बड़िके बठुवां जां गुल्लर को झाड़ हे …….बरतिमाई बोल्यो

सिलास केवा लाग्यो…..गुल्ल्‍र का झाड़का से म्हारे रियाद आयो के नरा दन पेलां एक मनख जेको नाम इसु थो इना नगर यरीहो से जइरियो थो अने उ जक्कई जो चुंगी नाका पे बठ्यो करतो थो उ इसु के देखवा की कोसिस करीरियो थो पण तमारे तो मालमज हे के उ बावन्‍यो हे तो इसु के नी देखी सक्यो तो उने उनाज गुल्लर का झाड़ पे चड़िके देखवा की कोसिस करी पण इसु ने उके देखिल्यो अने क्यो…. हे जक्कई निच्चे उतरिया आज म्‍हारे थारा घरे जाणो जरुरी हे, जक्‍कई झट निच्‍चे उतरियायो अने इसु के अपणा घरे लइग्यो भय्या बरतिमाई उनाज दन से उना जक्‍कई ने अपणो जीवन बदळी लाख्यो अबे उ इमानदारी को जीवन जी रियो हे ।

बरतिमाई…….हां..हां हूं देखी तो नी सकूं पण म्हने बी सुण्यो हे जक्कई ने अपणो जीवन बदळी लाख्यो हे । यो इसु कां से आयो थारे मालम सिलास ?

हां लोगहुंण से सुण्यो हे के उ गलील का नासरत को रेवा वाळो हे….सिलास ने क्यो (अने बरतिमाई के बठाड़िके अपणो काम करवा सरु यो कइके ग्यो के) हूं अबी अउं ।

(थोड़िक देर बाद सिलास पाछो आय अने बरतिमाई को हात पकड़िके नगर का उना पार उना गुल्लर का झाड़का आड़ी लइके चली पड़्यो ) बरतिमाई बोल्यो…. म्हारे उना इसु का बारामें हजु बताड़ उ करे कंई हे ?

सिलास….. कफरनहुम अने गलील का सरवर का काराड़ा का नरा गांम का लोगहुंण के म्हने यो केता सुण्यो के उ कइंको बड़ो नबी हे उका हात माय सामरत हे उ बड़ा-बड़ा अचरज का काम करे म्हने सुणयो के उने नाइन नाम का नगर की एक रॉडी बइरा का जुवान छोरा के जो उको एखलोज बेटो थो अने उ मरिग्यो इसु ने उना मर्‌या होया जुवान छोरा की अरथी के हात लगाड़्यो अने उ जुवान उठिके बठिग्यो  इसु ने उके उकी मां के दइद्‌यो यो देखिके सगळा मनख अचरज करवा लाग्या अने केवा लाग्या हमने असो कदी नी देख्यो के मर्‌यो होयो मनख जिवतो हुइ सके हे ।

वा… सिलास भेय्या तम तो घणी अच्छी बात बताड़ी रिया हो सांची माय म्हने बी कदी असोनी सुण्यो …….बरतिमाई केवा लाग्यो

(दोई चलता जइरिया था अबी गुल्लर को झाड़ थोड़ोक दूरा पे थो) सिलास पाछो केवा अरे यो तो कंई नी पण म्‍हने तो उना लाजर का बारामें बी सुण्यो जो चार दन को मर्‌यो होयो थो इसु ने तो उके बी जिवाड़ी लाख्यो ।

बरतिमाइ पाछो अचरज करतो होयो केवा लाग्यो…….सांचीज माय योतो कइंको बड़ोज नबी लागे हे ।

हां…..हां….बरतिमाई भय्या तमने ठिकज क्यो उका माय तो तमारे बी अच्‍छो करवा की सामरत हे बस उके हिरदा से हेला पाड़नो पड़े

ठीक हे सिलास भय्या अगर इसु अंइ से हिटेगा तो हूं जरुर हेला पाड़ुंवां…..बरतिमाई ने क्यो ।

सिलास बोल्यो हिटेगा कंई म्हने सुण्यो हे के आजज इसु अंई से हिटीरियो हे ।

(अचरज से) बरतिमाई केवा लाग्यो ……जदतो हूं इसु के जरुर हेला पड़ुंवां ।

लो हम गुल्लर का झाड़ कने अइग्या अबे यां बठी जाव इसु हिटे तो जोर से हेला पाड़जो…….सिलास ने क्यो ।

बरतिमाई – अच्छा भय्या हूं तमारी बात जरुर रियाद राखुवां । (सिलास चल्योग्यो )

लोगोहुंण का पग की धप-धप सुणिके…..भय्या एक रुप्यो दइदो इसवर तमारो भलो करेगा (अने रोज जसे बोले बोलनो सुरु करी लाख्यो ।) ( दो तीन घंटा बाद) एक बड़ीमेक भीड़ की हलचल उके सुणई दई जो धीर-धीरे उका कने अइरी थी । उ लोगहुंण से पूछवा लाग्यो)  ए कुंण हे कुंण जइरियो हे ।

(उने जोर से हेला पाड़िके  क्यो)

भीड़ माय से कइंका ने क्यो……. ए बेदा मती कर छानो हुइजा

पण उ आंदो हजु जोर से चिल्लावा लाग्यो

कंइका ने फेर क्यो - इसु नासरी जइरियो हे

तो उ जोर से चिल्लावा लाग्यो, “हे इसु नासरी ! हे इसु नासरी दाऊद की संतान म्हार पे दया करजे जोर-जोर से चिल्लातो रियो । जत्तक इसु ने सुणी नी ल्यो

(इसु उबिग्यो) इसु ने अपणा चेलाहुंण से क्यो उके म्हारा कने ल्याव

चलाहुंण – (उना आंदा कने ग्या) उकासे क्‍यो उठ्या इशु थारे बुलाड़े हे

(बरतिमाई झट उठ्यो चादरो फेंक्यो अने इसु का आड़ी चलवा लाग्यो इसु कने पोंचिके उका चरणहुंण पे पड़िग्यो ।

इसु ने उके उठाड़्यो अने पुछ्‌यो तू कंई चावे  के हूं थारा सरु करूं ।

बरतिमाई – हूं देखवा लागूं

इसु…… जा देखवा लाग ।

बरतिमाइ उनीज घडी उ देखवा लाग्यो ।

लोगहुंण ने देख्यो तो अचरज करवा लाग्या 

उ आंदो परमेसर ली बड़ई करतो होय इसु का पछड़े-पछड़े चलवा लाग्यो ।

सिलास बी उनी भीड़ माय अइग्यो थो उने अबी तक इसु का बारामें सुण्यो थो पण अबे उने अपणा नगर का बरतिमाई के जो जनम आंदो थो उके देखवा की सामरत दइदी ।